- मेरे दूध का कर्ज़ मेरे ही खून से चुकाते हो,
- कुछ इस तरह तुम अपना पौरुष दिखाते हो,
- दूध पीकर मेरा तुम इस दूध को ही लजाते हो,
- वाह रे पौरुष तेरा तुम खुद को पुरुष कहाते हो,
- हर वक्त मेरे सीने पर नज़र तुम जमाते हो,
- इस सीने में छुपी ममता क्यों देख नहीं पाते हो,
- इक औरत ने जन्मा, पाला-पोसा है तुम्हें,
- बड़े होकर ये बात क्यों भूल जाते हो,
- तेरे हर एक आँसू पर हज़ार खुशियाँ कुर्बान कर देती हूँ मैं,
- क्यों तुम मेरे हजार आँसू भी नहीं देख पाते हो,
- हवस की खातिर आदमी होकर क्यों नर पिशाच बन जाते हो,
- हमें मर्यादा सिखाने वालों तुम अपनी मर्यादा क्यों भूल जाते हो,
- हमें मर्यादा सिखाने वालों तुम अपनी मर्यादा क्यों भूल जाते हो।
- #AlpuDFB #Alpu #DEVIL
Bahut badhiya kavita….
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Thank you sir.. 🙏
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